Azadi ka Amrit Mahatsav

प्रधान मंत्री आवास योजना

PMAY - CLSS [किफायती आवास - शहरी]

विवरण

आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग(ईडब्ल्यूएस)

निम्न आय वर्ग (एलआईजी)

मध्यम आय वर्ग II (एमआईजी- I)

मध्यम आय वर्ग II (एमआईजी- II)

पात्रता

स्वतंत्र और नियमित आय के स्रोत के साथ, 18 से 65 वर्ष के बीच, निवासी व्यक्ति या तो अकेले या संयुक्त रूप से।

  • आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) तथा निम्न आय वर्ग (एल आई जी) श्रेणी/ परिवारों के व्यक्ति/लाभार्थी
    रु.3.00 लाख तक की वार्षिक आय वाले परिवार जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) परिवार के रूप में परिभाषित हैं।
  • रु.3.00 लाख से अधिक रु. 6.00 लाख तक की वार्षिक आय वाले परिवार जो निम्न आय वर्ग (एलआईजी) परिवार के रूप में परिभाषित हैं।

मध्यम आय वर्ग के व्यक्ति : रु.6.00 लाख से रु.12.00 लाख तक के बीच के वार्षिक आय वाले परिवार जो एमआईजी-I परिवार के रूप में परिभाषित हैं।

मध्यम आय वर्ग के व्यक्ति : रु.12.00 लाख से रु.18.00 लाख के बीच के वार्षिक आय वाले परिवार जो एमआईजी-II परिवार के रूप में परिभाषित हैं।

लाभार्थी परिवार

एक लाभार्थी परिवार जिसमें पति, पत्नी, अविवाहित बेटे और/या अविवाहित बेटियां शामिल होंगी। लाभार्थी या उसके परिवार के किसी सदस्य के नाम पर भारत के किसी भी भाग में कोई पक्का मकान (सभी मौसम में निवास की इकाई) नहीं होना चाहिए।

एक वयस्क कमानेवाले सदस्य (वैवाहिक स्थिति के बावजूद) को अलग परिवार के रूप में माना जा सकता है:

  • बशर्ते कि उसके नाम पर भारत के किसी भी भाग में कोई पक्का मकान (सभी मौसम में निवास की इकाई) नहीं है।
  • बशर्ते यह भी कि विवाहित युगल  के मामले में, या तो पति या पत्नी दोनों संयुक्त स्वामित्व में एक ही घर के लिए पात्र होंगे, बशर्ते कि इस योजना के अंतर्गत परिवार की आय पात्रता के अधीन हो।

निर्मित/ अधिग्रहित मकान परिवार की महिला प्रमुख के नाम पर या परिवार के पुरुष प्रमुख और उनकी पत्नी के संयुक्त नाम पर होने चाहिए, और केवल उन मामलों में जब परिवार में कोई वयस्क महिला सदस्य नहीं है, आवास इकाई/ घर परिवार के पुरुष सदस्य के नाम पर हो सकता है। यह महिला स्वामित्व की स्थिति केवल नई खरीद के लिए है न कि नए निर्माण (भूमि के मौजूदा टुकड़े पर) के लिए या किसी मौजूदा घर की वृद्धि/ मरम्मत के लिए।

पीएमएवाई सीएलएसएस सब्सिडी का लाभ उन लाभार्थियों तक नहीं पहुंचाया जा सकता है, जिन्हें पीएमएवाई के अंतर्गत केंद्र सरकार की अन्य योजनाओं और अन्य वर्टिकल के अंतर्गत लाभ मिला है।

एमआईजी के लिए सीएलएसएस के अंतर्गत केंद्रीय सहायता प्राप्त करने हेतु पात्र होने के लिए :

  • लाभार्थी या उसके परिवार के किसी सदस्य के नाम पर भारत के किसी भी भाग में कोई पक्का मकान (सभी मौसम में निवास की इकाई) नहीं होना चाहिए।
  • लाभार्थी परिवार द्वारा भारत सरकार की अन्य कोई आवासीय योजना के अंतर्गत केंद्रीय सयाहता का लाभ न लिया गया हो।
  • एक लाभार्थी परिवार जिसमें पति, पत्नी, अविवाहित बेटे और/या अविवाहित बेटियां शामिल होंगी। एक वयस्क कमानेवाले सदस्य (वैवाहिक स्थिति के बावजूद) को अलग परिवार के रूप में माना जा सकता है:
  • बशर्ते कि विवाहित युगल के मामले में, या तो पति या पत्नी दोनों संयुक्त स्वामित्व में एक ही घर के लिए पात्र होंगे, जो इस योजना के अंतर्गत परिवार की आय पात्रता के अधीन है।

उद्देश्य

एक आवास/ घर/ फ्लैट की खरीद/ नए निर्माण के लिए; एक नए निर्मित घर की पुनर्खरीद और मौजूदा आवास इकाई के लिए कमरे, रसोई, शौचालय आदि की मरम्मत / वृद्धि/ विस्तार करना। मौजूदा घर की मरम्मत का काम उन घरों में किया जा सकता है, जो कच्चा, अर्ध पक्का हैं और केवल शहरी क्षेत्रों में जिसे व्यापक नवीकरण की आवश्यकता है।

में शहरी क्षेत्रों में मकानों के अधिग्रहण/ निर्माण (पुनः खरीद सहित) के लिए।

मौजूदा आवास इकाई के मरम्मत/ नवीनीकरण/ विस्तार के लिए ऋण इस योजना के अंतर्गत सब्सिडी के लिए पात्र नहीं हैं।

संपत्ति का स्थान

जनगणना 2011 के अनुसार सभी वैधानिक नगर और बाद में अधिसूचित वैधानिक नगर कवरेज हेतु पात्र होंगे। एक औद्योगिक विकास प्राधिकरण/ विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण/ शहरी विकास प्राधिकरण या राज्य विधानमंडल के अंतर्गत किसी भी ऐसे प्राधिकरण के अधिकार क्षेत्र के अधीन अधिसूचित योजना/ विकास क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों को शहरी नियोजन और नियमों के कार्यों के साथ सौंपा गया है जो पीएमएवाई (यू) के अंतर्गत कवरेज के लिए भी शामिल किए जाएंगे।  

ऋण राशि

वेतनभोगी के लिए: सकल मासिक वेतन का 60 गुणा/ निवल मासिक वेतन का 75 गुणा (जो भी अधिक हो)
अन्य (व्यवसायी / पेशेवर): व्यवसायी हेतु आयकर विवरणी पर आधारित औसत आय पिछले 3 वर्षों का 5 गुणा/ पेशेवर हेतु आयकर विवरणी पर आधारित औसत आय पिछले 3 वर्षों का 5 गुणा

मार्जिन

रु.30.00 लाख तक --  90%

रु.30.00 लाख से अधिक तथा रु.75.00 लाख तक -- 80%
रु.75.00 लाख से अधिक -- 75 %

प्रतिभूति

बैंक वित्त के बाहर से खरीदे गए घर/ फ्लैट का बंधक

पुनर्भुगतान

30 वर्ष की अधिकतम चुकौती अवधि या 75 वर्ष की आयु तक पहुंचने वाले उधारकर्ता जो पहले हो, अधिकतम 36 महीनों की अधिस्थगन अवधि सहित। हालांकि, सब्सिडी 20 वर्ष या ऋण के कार्यकाल, जो भी कम हो, के लिए उपलब्ध है।

अन्य शर्तें/ दिशानिर्देश 

पहले संवितरण के बाद संपत्ति का निर्माण 36 महीनों के भीतर पूरा किया जाना चाहिए।

योजना के अंतर्गत एनपीए खाते पात्र नहीं हैं।

सब्सिडी प्राप्त करने के बाद खाते के एनपीए में चले जाने के मामले में, सब्सिडी एनएचबी /एचयूडीसीओ को लौटा दी जाएगी।

लाभार्थी के पास भारत में कहीं भी पक्का मकान नहीं होना चाहिए।

ईडब्ल्यूएस

एलआईजी

एमआईजी 1

एमआईजी 2

ऋण कवर

17.06 2015 को या उसके बाद मंजूर ऋण

01.01.2017 को या उसके बाद मंजूर ऋण

परिवार आय(रु. प्रति वर्ष)

रु.30.00 लाख तक

रु.3.00 लाख से अधिक तथा रु.6.00 लाख तक

रु.6.00 लाख से अधिक तथा रु.12.00 लाख तक

रु.12.00 लाख से  अधिक तथा रु.18.00 लाख तक

ब्याज सब्सिडी(%)

6.50% प्रति वर्ष

6.50% प्रति वर्ष

4.00% प्रति वर्ष

3.00% प्रति वर्ष

अधिकतम ऋण अवधि (वर्षों में) सब्सिडी गणना हेतु

17.06.2015 से  31.12.2016  तक मंजूर तथा संवितरित किए गए ऋण हेतु - 15 वर्ष

01.01.2017 को या उसके बाद मंजूर ऋण - 20 वर्ष

20 वर्ष

ब्याज सब्सिडी हेतु पात्र आवास ऋण राशि (रु.)

रु. 6.00 लाख

रु. 6.00 लाख

रु. 9.00 लाख

रु. 12.00 लाख

संपत्ति/ आवास इकाई कार्पेट क्षेत्र की विस्तृत जानकारी (1 स्क्वे.मी. = 10.76 स्क्वे. फुट)

30 स्क्वे.मी. तक (केवल मरम्मत/ विस्तार हेतु के मामले में)

60 स्क्वे.मी. तक (केवल मरम्मत/ विस्तार हेतु के मामले में)

160 स्क्वे.मी. तक

200 स्क्वे.मी. तक

खरीद/ निर्माण हेतु आवास ऋण के मामले में, लाभार्थी, अपने विवेक से, बड़े क्षेत्र का घर बना सकते हैं, लेकिन ब्याज सबवेंशन केवल पहले रु. 6.00 लाख तक ही सीमित होगा।

मौजूदा आवास इकाई के मरम्मत/ नवीनीकरण/ विस्तार के लिए ऋण इस योजना के अंतर्गत सब्सिडी के लिए पात्र नहीं हैं।

ब्याज सब्सिडी की एनपीवी गणना हेतु डिस्काउंट रेट

9.00%

9.00%

अधिकतम सब्सिडी राशि

रु. 2.67 लाख

रु.2.67 लाख

रु.2.35 लाख

रु.2.30 लाख

  • उपर्युक्त के अतिरिक्त, अन्य सभी पात्रता मानदंड महा सुपर आवास ऋण योजना दिशानिर्देशों के अनुसार होंगे।